Tuesday, January 28, 2014

Breaking News On Bipartite Talk ?

Information  available on 

Facebook timelines are as below






CLC CALLED IBA AND UFBU FOR 


CONCILIATION MEETING ON 


06-02-2014 AT 11-30AM IN NEWDELH



IBA called UFBU for negotiation meet 



on 13.02.2014 even though UFBU 



declared strike on 10 & 11 Feb 2014.



It is now crystal clear that 


Government want to postpone the talk 


as much as possible because bankers 


will not affect vote bank of Congress



 Party in forthcoming polls.



IBA will be praised by 


Finance Minister 


for not agreeing to banker;s demands.



 CMDs of various banks involved n 



talks will get further promotion and



 get posting even after retirement.





UFBU will get appreciation from staff 


when they get higher amount 
of arrear 

if the talks are delayed by 2 or 3 years 



Union leaders will get higher amount 

of donations from member staff if they 


get higher amount of arrears 



Bank staff will be more happy if they 



get higher arrear even if hike is low



and the bipartite settlement is delayed 






Please do not take wage talk progress 



so much seriously.All are in win-win position . 



Enjoy , enjoy ,enjoy




BANK STRIKE:

IN VIEW OF THE TWO DAYS' ALL INDIA BANK 


STRIKE NOTICE ON 10th & 11th FEBURARY, 


GIVEN BY UNITED FORUM OF BANKS' UNIONS' 

(U.F.B.U.)

CHIEF LABOUR COMMISSIONER 

( CENTRAL ) WILL HOLD 

CONCILIATION PROCEEDINGS

 BETWEEN U.F.B.U. & INDIAN BANKS'

 ASSOCIATION ( I.B.A. ) 


AT 11:30A.M. ON 06th FEB. IN NEW 

DELHI, 



MENWHILE I.B.A.HAS FIXED TALKS


 ON WAGE REVISION ON 13th 

FEBURARY 2014.  

TAHIR ALI
N.C.B.E.





(Is It Not Ridiculous ?






6 comments:

  1. Watch the apparent beauty of the game, even when the match is fixed.

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  2. They make to fools us and we are not organise against them its our faults we not blame them.

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  3. Same NAUTANKI as was previously. All know it very clearly that the election commission has called the meeting of all political parties on 4th Feb. 2014 regarding general election and most probably the election will be declared on 6th Feb. and code of conduct will be in force. Ironically how fast and active is the system that immediately after break of talks the CLC has called a conciliation meeting on 6th. The IBA is repeating the same drama of fixing the date of talks after the date of strike call as it was previously. Now, the aam bank workers must understand the drama of UFBU/ IBA/ Govt. There remains no doubt about the match fixing between UFBU and IBA/ Govt.

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  4. Since the IBA and UFBU are playing FIXED MATCHES as if we are fools and idots, we should prove them that we are puppets at their hands by resigning En-mass from the respective Unions and Associations immediately.

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  5. This comment has been removed by the author.

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  6. IBA 10%
    का लोलीपोप दे कर बार बार आपकी और
    indirectly हमारी इन्सल्ट करेगी. कैसे हिम्मत
    होती है IBA की इस तरह की बात करने की. जैसे
    ही IBA 5% की बात करती आप को कमरे से यह
    कह कर बाहर आ जाना चाहिए था की हम तो 5 दिन
    की strike की कॉल दे रहे है. हाथ पकड़ कर
    आपका वापस बुलाते.
    एक बात बताओ यार क्या किसी पंडित ने
    तुमको बताया है की केवल Single Point
    Agenda न रखो. अगर केवल एक बात और केवल
    एक बात वेज रिविजन में रखी होती की भैया हमें
    तो सिक्स्थ पे कमीशन के बराबर लेना है और जब
    भी सरकार का अगला वेज रिविजन
    हो तो हमको भी उसमे ले लेना तो क्या गलत बात
    होती. बहत्तर इश्यूज वेज revisun में घुसेड
    दिया और वेज revision की माँ की आँख कर दी.
    हाँ गलत यह होता की जो पांच साल तक आप लोग
    बैंक एम्प्लाइज को बेवक़ूफ़ बनाते हो वह
    नहीं बना पाते. आपकी इम्पोर्टेंस ख़तम हो जाती.
    क्या आपको पता है की बीस लाख आंखे आपकी ओर
    कितनी आशा भरी नजरो से देख रही हैं और आप और
    IBA 5% की बात कर रहे हैं. शर्म है.
    IBA जब कहती है की वोह 5% से ज्यादह नहीं दे
    सकती क्योकि प्रॉफिट कम है तो कृपा कर के उसे
    भारतीय रेल की स्थिति बता देते कि भैया उसमे
    भी तो करोडो का लोस होता है तब काहे बढ़ी हुई पे
    दे रहे हो. पर हमें पता है की आप यह
    नहीं बोलोगो क्योकि एक तो आपकी उम्र हो गयी है
    दूसरा आप च्यवनप्राश नहीं खाते हो. ड्राई फ्रूट
    जब आता है तो काजू उठा लेते हो , बादाम फिर
    भी नहीं खाते. दिमाग कहाँ से तेज होगा. और
    negotiation के लिए तेज दिमाग और दृढ
    इच्छाशक्ति की बहुत आवश्यकता है.
    आपसे विनर्म अनुरोध है की नए बच्चों को आगे
    लाये. पढ़े लिखे बच्चे हैं नए ख्यालात लायेंगे. आप
    परदे के पीछे से गाइड करे और एक अनुभवी बुजुर्ग
    का रोले निभाए. अब समय है की अपना स्वार्थ छोड़
    कर बैंक एम्प्लाइज की दुर्दशा देखे.
    हमारी आपको यह सलाह है की कल जब आप
    दाढ़ी बनाये तो शीशे में अपना मुह देखे और मारे
    शर्म के उसे नीचे कर ले क्योकि हमारी आज
    की pathetic condition के लिए आप और
    केवल आप ही जिम्मेदार हैं. आपके लिए
    यही सजा काफी है. यह सोच सोच कर डरा करे
    की कहीं बैंकिंग इंडस्ट्री में भी कोई केजरीवाल
    खड़ा हो गया तो आपका और आपकी ऐश
    का क्या होगा.
    वैसे तो आप काफी बिजी रहते है पर अगर आपके
    पास कभी कुछ समय हो तो कृपया विचार कर हमें
    बताये कि:-
    - हमारी पे सिक्स्थ पे कमीशन से कम क्यों है
    - हम रोज़ पांच बजे के बाद क्यों काम कर
    - हम सप्ताह में छह दिन क्यों काम करे.
    - हमारी PL क्यों लैप्स हो जाती है. सेंट्रल की तरह
    दस महीने क्यों नहीं है.
    - अगर हमको साल में 30 Pl, 12 CL
    इत्यादि मिलती है तो लेने क्यों नहीं दिया जाता
    - सबसे बड़ी यूनियन SBI में है, तो अपने
    बाकी मेम्बरान को वह सारे बेनिफिट क्यों नहीं देते है
    जो SBI में है.
    - एक शाखा पांच स्टाफ से कम में क्यों खुलने देते
    हैं.
    - अधिकारी क्लर्क का काम और क्लर्क
    चपरासी का काम क्यों करे.
    - हर जिले में रिज़र्व स्टाफ क्यों नहीं है
    ताकि छुट्टी जाने पर भेजा जा सके.
    - ट्रेनिंग आने पर कैंसिल क्यों कर दी जाती है.
    - नए स्टाफ नौकरी क्यों त्याग रहे हैं. क्या कारण
    है की बैंक में कोई भी नौकरी नहीं करना चाहता है.
    - पिछले पांच सालो में कितने नेताओ
    को chargesheet मिली
    - हमारी पेंशन क्यों नहीं बढती है.
    - IBA क्यों RTI में नहीं है. क्या आपने Delhi
    High Court / सुप्रीम कोर्ट में इस सन्दर्भ में
    मुकदमा किया.
    आपने सुना होगा की वीर भोगे वसुंधरा. आप मानो न
    मानो आप कायर हो. इसलिए आपमें हमारे लिए लड़ने
    का बूता ही नहीं है. किसने आपको मना किया है
    की न्यूज़ पेपर में फुल पेज का comparative
    wage scale का ऐड न दे,
    ताकि दुनिया को पता चले की क्या स्थिति है.
    अभी हर आदमी को यह लगता है की बैंक में बहुत
    अच्छी पे है. किसने आपसे कहा है की आप
    indefinit strike न करे. अगर indefinite
    strike fail हो भी गयी तो भविष्य में कोई
    नहीं कहेगा की indefinite strike
    क्यों नहीं करते है. अपनी नियति से हम
    समझौता कर लेंगे.
    सेंट्रल के एक क्लर्क से कम पे एक PO की है. एक
    सफाई कर्मचारी से कम पे एक नए क्लर्क की है.
    आप कैसे यह दशा देख कर चैन से सो सकते हैं.
    धिक्कार है आपको और आपकी इस
    ओछी राजनीती को.
    पुरुषार्थ करे हम आपके साथ है. आप लड़ सकते हैं.
    बस हनुमान जी की तरह आपको अपना बल याद
    दिलाने की जरूरत है.
    याद रखे की इस बार बेवक़ूफ़
    बनाया तो आपका मालिक भगवान भी नहीं होगा. मुह
    दिखने लायक तो आप अभी भी नहीं बचे हैं.
    आपकी इज्जत आपके खुद के हाथ में हैं और
    आपका भविष्य हमारे हाथो में.
    कभी खाली हो तो सोचियेगा की 7th pay
    Commission के बाद बैंक अधिकारी एवं
    कर्मचारी दूसरो के सामने भिखारी जैसे लग.

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